इनमें से पांच पूर्व सांसद ऐसे हैं जो तमाम चेतावनी के बावजूद बंगलों से कब्जा नहीं छोड़ रहे हैं।

ई लोकसभा के गठन के छह महीने बाद भी 76 नए सांसद वेस्टर्न कोर्ट और राज्य भवनों में रहने के लिए मजबूर हैं। इसकी वजह दर्जनों पूर्व सांसदों द्वारा सरकारी बंगलों को अभी तक खाली न करना है। इनमें से पांच पूर्व सांसद ऐसे हैं जो तमाम चेतावनी के बावजूद बंगलों से कब्जा नहीं छोड़ रहे हैं।


अब इन सांसदों के बंगलों का पंचनामा तैयार कर ताला तोड़ा जाएगा। अक्तूबर के पहले हफ्ते तक करीब चार दर्जन पूर्व सांसदों ने मकान खाली नहीं किए थे। अब इनकी संख्या पांच रह गई है। चूंकि कई पूर्व सांसदों ने अपना आवास खाली करने में बहुत समय लगाया। तीन पूर्व सांसदों के आवास इसी दौरान पुलिस के हस्तक्षेप से खाली कराए गए। ऐसे में इनके खाली आवास को नए सिरे से आवंटन से पहले नए सिरे से रंग रोगन सहित अन्य औपचारिकता पूरी करने में समय लग रहा है।


यही कारण है कि अब तक 76 सांसद वेस्टर्न कोर्ट और विभिन्न भवनों में रहने के लिए मजबूर हैं। इन सांसदों को इस महीने के अंत तक आवास आवंटित कर दिए जाएंगे। सूत्र ने बताया कि पांच पूर्व सांसद ऐसे भी हैं जिन पर किसी तरह की चेतावनी का कोई असर नहीं पड़ रहा है।


इनमें हरियाणा, बिहार और उत्तर प्रदेश के एक-एक सांसद शामिल हैं। इन सांसदों को कई बार बिजली-पानी का कनेक्शन काटने समेत अन्य कानूनी कार्यवाही की चेतावनी दी गई लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। अब संपदा विभाग ने पुलिस की उपस्थिति में पंचनामा तैयार कर इनके आवास के ताले तोडऩे का फैसला किया है। इनमें से एक आवास पंडित पंत मार्ग, तीन आवास नॉर्थ एवेन्यू में है।


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